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SUCCESS STORY

एक छोटे से दुकानदार का बेटा बना मर्चेंट नेवी का ऑफिसर.बिहार के सिवान जिले के एक छोटे से गाँव से.

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एक छोटे से दुकानदार का बेटा बना मर्चेंट नेवी का ऑफिसर.बिहार के सिवान जिले के एक छोटे से गाँव से.

sucess story: एक छोटे से दुकानदार का बेटा बना मर्चेंट नेवी (merchant navy) का ऑफिसर.बिहार के सिवान जिले के एक छोटे से गाँव से.

 

Success Story: एक छोटे से दुकानदार  का बेटा बना मर्चेंट नेवी ऑफिसर, बिना मार्गदर्शन खुद से की थी तैयारी, अपनी तैयारी के लिए महबूब अंसारी  को कोई मार्गदर्शन नहीं मिला इसलिए उन्होंने अपने मार्गदर्शक के रूप में उन्‍होंने इंटरनेट का उपयोग करके शिक्षा से रोजगार तक का अपना सफर पूरा किया.

 

mahboob ansari

 

 

Success Story: बिहार  के सिवान  जिले में एक छोटे से दुकानदार के बेटे ने दिखा दिया है कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल करना मुश्किल नहीं है. मर्चेंट नेवी में नेविगटिंग ऑफिसर (2nd officer) के पद पर नौकरी पाकर महबूब अंसारी  ने अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बाद भी महबूब अंसारी के पिता  ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए दिन-रात जी तोड़ मेहनत की और उन्हें आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया.

second officer

सिवान  ज़िले के गाँव परसिया बुजुर्ग नेविगटिंग ऑफिसर के पद के लिए परीक्षा उत्तीर्ण की है. वह जून में अपना पद ग्रहण करेंगे. अंसारी  के पिता एक छोटे दुकानदार है. अंसारी  ने अपनी प्राथमिक शिक्षा गाँव में हासिल की और अन्य लोगों की तरह, सरकारी नौकरी पाने के लिए अपने प्रयास शुरू किए. हालांकि, पिछले दो वर्षों से कोरोना संकट के कारण सरकारी सेवा में नौकरी पाना मुश्किल था. उन्होंने मई  २०२२   में  नेविगटिंग  ऑफिसर पद के लिए के लिए परीक्षा दी और उसमें 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए.

mahboob

 

मर्चेंट नेवी में इस नौकरी के लिए अब उन्हें प्रति माह अच्छा वेतन मिलेगा और जहाज पर  नेविगटिंग का काम करना होगा. इसके लिए उन्हें कोई मार्गदर्शन नहीं मिला और जहाज पर नेविगटिंग का काम करना होगा. इसके लिए उन्हें कोई मार्गदर्शन नहीं मिला और उन्होंने अपने मार्गदर्शक के रूप में उन्‍होंने इंटरनेट का उपयोग करके शिक्षा से रोजगार तक का अपना सफर पूरा किया.

merchant navy

अंसारी ने साबित कर दिया है कि इंसान अगर ठान ले तो हालात पर हावी होकर आसमान की बुलंदियों तक पहुंच सकता है. अंसारी के पिता  भी अपने बेटे की कामयाबी पर खुश है और फक्र महसूस करते हैं. बेटे के चयन पर उन्‍होंने कहा, ”(हिंदी अनुवाद) मैं एक छोटा दुकानदार  हूं. मेरे बच्चों को मैंने अच्छी शिक्षा दी है. मेरे बेटे अंसारी ने नेवी की परीक्षा पास की है जिसका मुझे और मेरे शहर वासियों को अभिमान है”.

cargo ship

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